agar hum dost hote to
अगर हम दोस्त होते तो ....
करम की इन्तहा करते ....!
तुम्हें पलकों पे रखते हम
तुम्हें दिल में बसाते हम..!
अगर तुम रूठ जाते तो ...
तुम्हें कितना मनाते हम..!
जो मिलने तुम नहीं आते ...
तो आ कर खुद तुम्हें मिलते ..!
तुम्हारी लगजिशों को भी ...
हंसी में हम उड़ा देते...!
अगर अपनी खता रहती ...
तो खुद को भी सजा देते...!
मगर ये सब जभी होता ..
अगर हम दोस्त होते तो ...!
मगर इतना ही जाना है...
के तुमने आजतक हमको ..
पराया कह के जाना है....
कभी हमदम न माना है..
अगर हम दोस्त होते तो..!!!!
करम की इन्तहा करते ....!
तुम्हें पलकों पे रखते हम
तुम्हें दिल में बसाते हम..!
अगर तुम रूठ जाते तो ...
तुम्हें कितना मनाते हम..!
जो मिलने तुम नहीं आते ...
तो आ कर खुद तुम्हें मिलते ..!
तुम्हारी लगजिशों को भी ...
हंसी में हम उड़ा देते...!
अगर अपनी खता रहती ...
तो खुद को भी सजा देते...!
मगर ये सब जभी होता ..
अगर हम दोस्त होते तो ...!
मगर इतना ही जाना है...
के तुमने आजतक हमको ..
पराया कह के जाना है....
कभी हमदम न माना है..
अगर हम दोस्त होते तो..!!!!
agar hum dost hote to
Reviewed by wajhul
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11:38 PM
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